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Overview
असलामु अलैकुम रीडर्स, आज जिस दुआ (Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel In Hindi) के बारे में बताने वाला हूं वो कोई आम दुआ नहीं है।
इसका जिक्र कुरान में सूरह आलि इमरान (आयत 173) में मिलता है। यह दुआ हज़रत इब्राहीम (A.S) ने आग में डाले जाने के वक्त पढ़ी थी, और यह अल्लाह पर भरोसे की बेहतरीन मिसाल है
हमारे नबी (S.A.W) ने कई अहम दुआएं सिखाई हैं, जिनमें से एक है “HasbunAllahu Wa Ni Mal Wakeel”। यह मुसीबत, परेशानी और रंज-ओ-गम के वक्त पढ़ी जाने वाली खास दुआ है।
Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel Meaning In English
Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel
Meaning In English:- Allah (Alone) is Sufficient for us, and He is the Best Disposer of affairs (for us).”

Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel Meaning In Hindi
हसबुनल्लाहु वा नि'मल वकील
Meaning In Hindi:- (हमें अल्लाह काफी है और वह बेहतरीन कारसाज है)
इसका मतलब है कि जब कोई इंसान परेशानियों या मुश्किलात में हो, तो वह इस दुआ को पढ़े। यह दुआ अल्लाह पर यकीन और भरोसे की तर्जुमानी करती है। “हसबुन” का मतलब है “काफी है”, “अल्लाह” का मतलब है “परवरदिगार”, “नि’मल” का मतलब है “बेहतरीन” और “वकील” का मतलब है “कारसाज” या “मददगार”।
यह दुआ हमें सिखाती है कि हर हालात में अल्लाह पर यकीन रखें, क्योंकि वही हमारी सारी मुश्किलों का हल है।

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Hasbunallahu Wa Ni’mal Wakeel Urdu Tarjuma
حَسْبُنَا اللَّهُ وَنِعْمَ الْوَكِيلُ
Meaning In Urdu :- "اللہ ہمارے لیے کافی ہے اور وہ بہترین کارساز ہے۔"

Hasbunallah Dua Ki Ahmiyat
इब्न अब्बास (रज़ी अल्लाहु अन्हु) ने फरमाया: जब हज़रत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) को आग में डाला गया, तो उन्होंने कहा: “हस्बुनल्लाहु वा निमल वकील।” और यही दुआ अल्लाह के रसूल हज़रत मुहम्मद (ﷺ) ने भी कही, जब उन्हें बताया गया कि मुश्रिकों का एक बड़ा लश्कर उनके खिलाफ इकट्ठा हो चुका है। लेकिन इस खबर ने उनके और मुसलमानों के ईमान को और मजबूत किया, और उन्होंने कहा: “हस्बुनल्लाहु वा निमल वकील।” (सही बुख़ारी)
अबू सईद अल-ख़ुदरी (रज़ी अल्लाहु अन्हु) ने रिवायत किया: अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने फरमाया: “मैं कैसे इत्मीनान में रह सकता हूँ, जबकि सूरत फूँकने वाले फरिश्ते (इसराफील) ने सूरत में अपना मुँह लगा लिया है और अल्लाह के हुक्म का इंतजार कर रहा है?” यह सुनकर सहाबा (रज़ी अल्लाहु अन्हुम) परेशान हो गए। तब रसूल (ﷺ) ने उन्हें दिलासा देते हुए कहा: “हस्बुनल्लाहु वा निमल वकील” का विर्द करो।
क़ुरान की आयत: “अगर तुम उनसे पूछो कि आसमानों और ज़मीन का खालिक (पैदा करने वाला) कौन है? तो वे जरूर कहेंगे, ‘अल्लाह।’ फिर उनसे कहो: ‘तुम जो अल्लाह के सिवा दूसरों को पुकारते हो, उनका क्या हाल है? अगर अल्लाह मुझे किसी तकलीफ में डाल दे, तो क्या वे इस तकलीफ को दूर कर सकते हैं? या अगर अल्लाह मुझ पर अपनी रहमत करना चाहे, तो क्या वे इसे रोक सकते हैं?’ कह दो: ‘हस्बुनल्लाहु वा निमल वकील।'” (सूरा अज़-जुमर: 38)
एक सच्चा मुसलमान जानता है कि अल्लाह ही रहमत देने वाला और तकलीफ को दूर करने वाला है। “हस्बुनल्लाहु वा निमल वकील” पढ़ने से दिल को सुकून और राहत मिलती है, जो जीवन की परेशानियों का सामना करने के लिए बेहद जरूरी है।
अल्लाह पर भरोसा करके, अपने सभी मामलों को उसके सुपुर्द कर देना, उसकी रहमत और मदद की तलब करना, और उसकी मर्जी को पूरी तरह से स्वीकार करना हमें मुश्किल वक्त में मजबूत बनाता है।
यह दुआ हमें सिखाती है कि हर परेशानी और चुनौती में सिर्फ अल्लाह से मदद मांगनी चाहिए, क्योंकि वही हर हालात का सबसे अच्छा इन्तजाम करने वाला है।
Hasbunallah Wani'mal Wakeel Benefits
Hasbunallahu Wa Ni’mal Vakil Dua के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन नीचे कुछ फायदों का ज़िक्र किया गया है:
- जब इंसान यह दुआ पढ़ता है, तो उसका दिल पुर-सुकून हो जाता है।
- यह दुआ इंसान को अल्लाह पर भरोसा रखने का सबक देती है।
- यह दुआ इंसान को मुश्किलों का सामना करने की ताकत देती है।
- इस दुआ का पढ़ना अल्लाह की कुदरत और मदद पर यकीन को दर्शाता है।
इस दुआ को याद करने का तरीका
आप इस दुआ को छोटे हिस्सों में बांटकर याद कर सकते हैं:
- हस्बुनल्लाहु
- वा नि’मल वकील
यह छोटी सी दुआ आपकी ज़िंदगी में बड़ा असर डाल सकती है। इसे अपने रोज़ाना के अज़कार में शामिल करें और हर मुश्किल को अल्लाह के हवाले करके सुकून और इत्मीनान हासिल करें।
Hasbunallah Dua कब और कैसे पढ़ें?
- जब भी कोई मुश्किल या परेशानी हो।
- हर नमाज़ के बाद इसे अपनी ज़ुबान पर ले आएं।
- जब आप अपने काम या फैसले अल्लाह के हवाले करते हैं।
- सफर पर निकलते वक्त या किसी बड़े मकसद के लिए।
Hasbun Allahu Va Niamal Wakil Dua Wazifa
Hasbunallahu wa Ni’mal Wakeel Dua Wazifa
इस वज़ीफ़ा को हर रोज़ 3 बार “हस्बुनल्लाहू वा नी’मल वकील” ज़िक्र करके शुरू करें और अल्लाह पर भरोसा रखें, अपनी परेशानी को उसके हवाले कर दें।
रात के वक़्त पढ़ें: रात को, नींद से पहले 11 या 21 बार इस दुआ का वज़ीफ़ा पढ़ें और अल्लाह से मदद की दुआ करें।
पहली बार वज़ीफ़ा करते वक्त, इसे पूरी तवज्जो और यकीन से पढ़ें, यह आपको दिल की सुकून की तरफ ले जाएगा।
यह दुआ अल्लाह की मदद और क़ुदरत पर यकीन दिलाती है, मुश्किल वक़्त में इसे पढ़ने से मदद मिलती है और मसाइल हल होते हैं।
इस दुआ का वज़ीफ़ा ज़िन्दगी में बरकत और सुकून लाता है, और आपकी रूहानी ज़िन्दगी को बेहतर बनाता है।
इन Tariko को अपनाकर आप अपनी ज़िन्दगी में दुख और परेशानियों से निजात पा सकते हैं और रूहानी स्थिति को सुधार सकते हैं।
Allah Hum Subko Achhi Cheeze Sikhne Ki Taufiq De ! Aameen. Mujhe bhi apne dua me yaad rakhna.