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Table of Contents
Overview
Assalamu Alaikum Nazreen ! “Imam E Zamana Manqabat Lyrics In Hindi” mein aik manqabat shair ki tarah hoti hai jo Imam Mahdi (a.s) ke hawale se likhi gayi hoti hai.
Yeh manqabat unki aamad (arrival) aur unke wojood ke aane par likhi jati hai. Ismein Imam E Zamana (a.s) ke fazilat aur unke aane wale zamane ki tayyari ko bayan kiya jata hai.
Ye manqabat Shia Muslimon ke liye aik ahem aghaz (beginning) hai jisse woh Imam Mahdi (a.s) ke zaahir hone ke liye tayyar rehte hain. Ismein imaan aur intezar ki azmat ko izhar kiya jata hai.
5 Best Imam E Zamana Manqabat Lyrics In Hindi
- Imam E Zamana Lyrics By Farhan Ali Waris
- Kab Aaoge Mola Lyrics By Mesum Abbas
- Suno Baad E Zahoor Kiya Hoga Lyrics
- Woh Aa Raha Hai Manqabat Lyrics
- Chale Aao Aye Ibne Mushkil Kusha Lyrics
Imam E Zamana Lyrics By Farhan Ali Waris
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
हसीन मंज़र वो कब दिखेगा, खुदा के घर पे आलम का साया
नमाज़ पढ़वाएंगे जो मोला, तो पीछे सफ में मिलेंगे ईसा
हरम में मजलिस बपा करेंगे, पढ़ेंगे नोहा इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
बहुत ही छोटा सा घर है मेरा, पर इस में हुज़रा है एक तेरा
शराफ ये मेरे लिए बढ़ा है तू, मुझ से कर ले ये एक वादा
बस एक शब को तू मेरे घर में क़याम करना इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
मिसाल-ए-क़ाबा ये दिल है मेरा, है इस में मोला तेरा बसैरा
सदा-ए-दिलक़न मेरा अरीज़ा, भला मैं काग़ज़ पे अब लिखूं क्या
जो दिलक़नों की सदा सुने गा, तो जान ले गा इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
सफर था पैदल जब अर्बाइन का, मैं हर जगह तुझ को ढूंढता था
तू ज़ैयरों में तू आशिकों में, ऐ मेरे मौला कहीं तो होगा
ये सोच कर ही मैं सब के क़दमों को चूमता था इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
किताब-ए-हक़ से ये मैंने जाना, हर एक शेय को फ़ना है मोला
लगा हुआ है क़ज़ा का पहरा, नहीं है साँसों का अब भरोसा
जो बंद हो जाएं मेरी आँखें, मुझे जगाना इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
तुझे तसव्वुर में जब भी देखा, अली के जैसा तेरा हश्रम था
थी तेरे क़ब्ज़े में ताइग़-ए-हैदर, आलम है कंधे पे बवाफ़ा का
मिसाल-ए-दुल दुल सवार अंदाज-ए-फ़ातिहाना इमाम-ए-ज़माना
उठा के पर्दा दिखा दो जलवा ऐ इब्ने ज़हरा इमाम-ए-ज़माना
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Kab Aaoge Mola Lyrics By Mesum Abbas
या मेंहदी मेंहदी
या मेंहदी मेंहदी
अल अजल, अल अजल, अल अजल
हवाएं करम, कब चलाओगे मौला
दिए ज़ुल्म के कब बुझाओगे मौला
ये ग़ैबत कहां तक बढ़ाओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
जुदाई में कब तक रुलाओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
हुई एक मुद्दत सितम सहते सहते
ज़ुबान थक चुकी, अल अजल कहते कहते
हमें कब ग़मों से छुड़ाओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
आरिज़ों को कब तक वसीला बनाएं
तुम्हें हाल-ए-दिल सामने अब सुनाएं
कब इन फ़ासलों को मिटाओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
विलायत को ज़ख्मी किये जा रहे हैं
सब एक दूसरे से लड़े जा रहे हैं
कब आपस में इन को मिलाओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
ज़हूर आपका होगा किस रोज़ जानें
दुआएँ फ़राज़ हैं लबों पर हमारी
असर कब दुआओं में लाओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
कब अपनी ज़ियारत कराओगे मौला
कब आओगे मौला, कब आओगे मौला
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Suno Baad E Zahoor Kiya Hoga Lyrics
अल अजल अल अजल, या साहिब ज़मान
अल आमान, अल आमान, जब इमाम आएंगे
हाल हम सुनाएंगे, जब इमाम आएंगे
बाम-ओ-दर सजाएंगे, जब इमाम आएंगे
जख्म दिल दिखाएंगे, जब इमाम आएंगे
महफ़िलें जमाएंगे, जब इमाम आएंगे
जशन हम मनाएंगे, जब इमाम आएंगे
जो मुश्किलें हैं तो मुश्किलख़ुशा भी है कोई
हज़ार ग़म हैं तो ग़म की दवा भी है कोई
जो क़फ़ले में रवाँ, रहनुमा भी है कोई
ख़ुदा अगर है तो फिर ना ख़ुदा भी है कोई
है दर्द-ए-दिल तो कोई दिल का चैन भी होगा
यज़ीद लाखों में कोई हुसैन भी होगा
अभी तो ख़ून के दरिया बहाए जाएंगे
अभी तो ज़ुल्म के दाबे मिटाए जाएंगे
सितमग़रों का परख़्चे उठाए जाएंगे
अभी तो क़ब्र से मुर्दे उठाए जाएंगे
सवाल कर चुके जेह्रा, जवाब लेना है
फिदाक का मेहदी आकर हिसाब लेना है
अभी भी इश्क़ तरपता है क़त्ल गाहों में
अभी हयात है क़ैदी अज़ल की बाहों में
अभी अंधेरा है इंसान की निगाहों में
अभी तो क़फ़्ला ज़िंदगी है राहों में
अली का शेर अभी सब्र की कच्छर में है
ज़माना अपने मोहम्मद के इंतज़ार में है
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Woh Aa Raha Hai Manqabat Lyrics
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
सब ठाट परा रह जाएगा जब आने वाला आएगा
ये धरती सोना उगेगी, ये चरख गोहर बरसाएगा
काबे की छत पर ग़ाज़ी का, एक दिन आलम लहराएगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
बग़ैर फ़रमान-ए इब्न-ए ज़हरा, निज़ाम-ए दुनिया नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
कहीं गुज़रिश नहीं चलेगी, किसी की साज़िश नहीं चलेगी
करेगा आकर वो अदल क़ायम, कोई सिफ़रिश नहीं चलेगी
चलाएगा वो अली का सिक्का, किसी का सिक्का नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
अलग न होगा कोई किसी से, नमाज़ रोज़े भी एक होंगे
इमाम आएंगे लौट कर जब, हर एक मुएज़्ज़िन बा-ग़ौर सुनले
अज़ान होगी ग़दीर वाली, ये कम-ज़ियादा नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
अना के जज़्बों में बहने वालों, हवा-ए मज़हब में रहने वालों
कोई करेगा हलाल तुमको, हराम मातम को कहने वालों
दुंकान फ़तवों की बंद होंगी, किसी का फ़तवा नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
लिखा हुआ है हदीस में भी, ज़मीन निजासत से दूर होगी
चलेगी शमशीर मुर्तज़ा की, ज़बान-ओ मिल्लत की क़ायद कैसी
अली का मुंकिर हो चाहे जो भी, ज़मीन पे ज़िंदा नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
मरेंगे सब मस्लेहत के आदि, कहाँ पे जाएंगे ये फ़ासादी
छुपाएंगे किस तरह से चेहरे, हराम से होगी ये जब मानदी
मेरी हुक़ूमत में इस ज़मीन पर, उदू-ए ज़ह्रा नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
फ़साद सारे भरेंगे आहें, समान ये देखेंगी सब निगाहें
निज़ाम तब्दील होगा सारा, ये मस्जिदें हो या बरगाहें
वो ख़ुद चलाएंगे हर इदारा, ये तेरा-मेरा नहीं चलेगा
वह आ रहा है कि जिसके आगे किसी का कहना नहीं चलेगा
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Chale Aao Aye Ibne Mushkil Kusha Lyrics
या मौलाना, या साहिब अज़ ज़मां
अल गौस, अल गौस, अल गौस,
आद्रिकनि, आद्रिकनि, आद्रिकनि
अस-सा’अ, अस-सा’अ, अस-सा’अ
अल-अजल, अल-अजल, अल-अजल
रोते हुए आज़ाद अज़ा के लोग बुलाते हैं
आओ, ऐ मुश्किल कुशा के बेटे
तुम्हारे पास फ़ातिमा के हक़ का वास्ता है
आओ, ऐ मुश्किल कुशा के बेटे
ज़बां पर है दुआ जिसमें है ख़ुदा की शान
फैली ज़िंदगी में आज़ाबों का यह वक़़ा
कर्बला के बीमारों के लिए है वसीला
ख़ुदा की शरीअत का दिलशाद हो
इस वीरान काबा को फिर आबाद हो
आलम को लगाने हैं इस पर अब्बास का
हम तुम पीछे पीछे तुम आगे चलो
नसीब अरबाइन ऐक ऐसा भी हो
तुम्हारी क़यादत में हो क़फ़िला
जिसे देखें हैं परेशां यहाँ
ये वक़्त-ए-करम है इमाम-ए-ज़मां
करो हर सवाल की हज़ात रवा
मेरा ख़्वाब भी महव-ए-ताबीर हो
ऐ मौला, बाक़ीयाँ की तमीर हो
लबों पर मुसाल्सल यही है दुआ
मरीज़-ए-मोहब्बत तरपता रहे
मगर तेरा दीदार कर न सके
भला ऐसा जीना भी किस काम का
हमारे आमाल में दिखावा न हो
मोहब्बत का बस झूठा दावा न हो
फिर आँसुओं के लब खुद ये देंगे सदा
ज़माने में होते हुए आपके
कहें अपनी रूदाद क्यों घैर से
मेरी घैरतों की तुम्हीं हो आना
तुम्हीं तो ज़माने के हो चारगर
मेरी मुझसे बेहतर तुम्हें है क़बर
कहूँ क्या, मैं हाल-ए-दिल-ए-ग़मज़ादा
हिलाल और मेसुम की ह इल्तिजा
तुम्हारी ज़बां से ऐ क़श, एक दफ़ा
सुनें हम भी रोते हुए नहींया
रोते हुए आज़ाद अज़ा के लोग बुलाते हैं
आओ, ऐ मुश्किल कुशा के बेटे
Read & Download Full Lyrics :- Chale Aao Aye Ibne Mushkil Kusha Lyrics

Last Word
“Imam E Zamana Manqabat Lyrics In Hindi” ek aham manqabat hai jo Imam Mahdi (a.s) ke aane par mabni hai.
Is manqabat mein Imam E Zamana (a.s) ke zaahir hone ki aane wale zamane ki tayyari, unki fazilat, aur unke aane wale zamane ka bayan kiya gaya hai.
Yeh manqabat Shia Muslimon ke liye ek zaroori hissa hai jo unka imaan mazboot rakhte hain aur unke Imam Mahdi (a.s) ke aane ki umeed se jude hain. Ismein unka intezar aur unke aane wale Imam ke zaahir hone ki tayyari ki azmat ko izhar kiya jata hai.
Yeh manqabat unki ruhaniyat ko taqwiyat deti hai aur unhe unke aane wale Imam ke hidayat par amal karne ke liye tayyar rakhti hai.