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अस्सलामु अलैकुम नज़रीन ! “5 Best Naat Lyrics In Hindi” नात के अल्फाज़ इस्लामी शायरी जो हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की तारीफ और हम्द के लिए पढ़े जाते हैं।
Naat lyrics आमतौर पर उनमें हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की ज़िंदगी, शख़्सियत और उनके पैग़ामों से वाबस्ता हिस्से शामिल होते हैं
और उनकी तहरीर अरबी, उर्दू और फारसी जैसी ज़बानों में की जाती है। नात के अल्फाज़ रूहानी और अदबी महत्त्व रखते हैं।
5 Best Naat Lyrics In Hindi
- Meri Ulfat Madine se yunhi nahi Lyrics
- Ek Main Hi Nahi Un Par Qurban Zamana Hai Lyrics
- Aey Rasool-E-Ameen Khatm-Al-Mursalin Lyrics
- Hamne aankho se dekha nahi hai magar lyrics
- Nate sarkar ki parta hoon main lyrics
Meri Ulfat Madine se yunhi nahi Lyrics in Hindi
वो मदीना जो कुनैन का ताज है
जिसका दीदार मोमिन की मेराज है
ज़िन्दगी में खुदा हर मुसलमान को
वो मदीना दिखा दे तो क्या बात है
मेरी उल्फत मदीने से यूँहीं नहीं
मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है
में मदीने की जानिब न कैसे खीचूँ
मेरा दीं और दुनिया मदीने में है
अर्शे आज़म पे जिसकी बड़ी शान है
रोज़ा-इ-मुस्तफा जिसकी पहचान है
जिसका हमपल्ला कोई महोल्ला नहीं
एक ऐसा महोल्ला मदीने में है
हमको अपनी तलब से सिवा चाहिए
आप जैसे हैं वैसी अता चाहिए
क्यों कहूं ये अता वो अता चाहिए
आपको इल्म है हमको क्या चाहिए
आशिकाने नबी के है दिल की सदा
सब्ज़ गुम्बद के साये में घर चाहिए
फिर मुझे मौत का कोई खतरा न हो
मौत क्या ज़िन्दगी की भी परवाह न हो
काश सरकार एक बार मुझसे कहें
अब तेरा जीना मरना मदीने में है
मेरी उल्फत मदीने से यूँहीं नहीं
मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है
में मदीने की जानिब न कैसे खीचूँ
मेरा दीं और दुनिया मदीने में है
रातें भी मदीने की , बातें भी मदीने की
जीने में ये जीना है, क्या बात है जीने की
सरवरे दो जहां से दुआ है मेरी
हाँ यही चश्मे तर इल्तिजा है मेरी
उनकी फेहरिस्त में मेरा भी नाम हो
जिनका रोज़ाना जाना मदीने में है
मेरी उल्फत मदीने से यूँहीं नहीं
मेरे आक़ा का रोज़ा मदीने में है
में मदीने की जानिब न कैसे खीचूँ
मेरा दीं और दुनिया मदीने में है
Ek Main Hi Nahi Un Par Qurban Zamana Hai Lyrics In Hindi
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
जो रब्ब-ए-दो-आ’लम का महबूब यगाना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
कल जिस ने हमें पुल से ख़ुद पार लगाना है
ज़हरा का वो बाबा है, हसनैन का नाना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
आओ ! दर-ए-ज़हरा पर फैलाए हुए दामन
है नस्ल करीमों की, लजपाल घराना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
उस हाशमी दूल्हा पर कौनैन को मैं वारूँ
जो हुस्न-ओ-शमाइल में यकता-ए-ज़माना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
इज़्ज़त से न मर जाएँ क्यूँ नाम-ए-मुहम्मद पर !
हम ने किसी दिन यूँ भी दुनिया से तो जाना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
हूँ शाह-ए-मदीना की मैं पुश्त-पनाही में
क्या इस की मुझे पर्वा दुश्मन जो ज़माना है !
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
सौ बार अगर तौबा टूटी भी तो क्या हैरत !
बख़्शिश की रिवायत में तौबा तो बहाना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
महरूम-ए-करम इस को रखिए न सर-ए-महशर
जैसा है नसीर आख़िर साइल तो पुराना है
इक मैं ही नहीं, उन पर क़ुर्बान ज़माना है
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Aey Rasool-E-Ameen Khatm-Al-Mursalin Lyrics In Hindi
ऐ रसूले-अमीं, ख़ातमल-मुर्सलीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
है अक़ीदा ये अपना ब-सिद्क़ो-यक़ीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
दस्ते-क़ुदरत ने ऐसा बनाया तुझे
जुम्ला अवसाफ से ख़ुद सजाया तुझे
ऐ अज़ल के हसीं, ऐ अबद के हसीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
बज़्मे-कोनैन पहले सजाई गई
फिर तेरी ज़ात मन्ज़र पे लाई गई
सय्यिदुल-अव्वलीन, सय्यिदुल-आख़रीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
तेरा सिक्का रवां कुल जहां में हुवा
इस ज़मीं में हुवा, आसमां में हुवा
क्या अ़रब क्या अजम, सब हैं ज़ेरे-नगीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
तेरे अंदाज़ में वुसअ़तें फ़र्श की
तेरी परवाज़ में रिफ़अतें अर्श की
तेरे अन्फास में ख़ुल्द की यास्मीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
सिदरतुल-मुन्तहा रह-गुज़र में तेरी
क़ाब कौसेन गर्दे-सफ़र में तेरी
तू है हक़ के क़रीं, हक़ है तेरे क़रीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
मुस्तफ़ा मुज्तबा, तेरी मद्हो-सना
मेरे बस में नहीं, दस्तरस में नहीं
दिल को हिम्मत नहीं, लब को यारा नहीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
ऐ सरापा नफ़ीस अन्फ़से दो जहां
सरवरे-दिलबरां, दिलबरे-आशिक़ां
ढूंढती है तुझे मेरी जाने-हज़ीं
तुझ सा कोई नहीं, तुझ सा कोई नहीं
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Hamne aankho se dekha nahi hai magar lyrics In Hindi
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनका जलवा तो सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
है नज़र में जमाले हबीबे खुदा
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने लाके कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
फूल खिलते हैं पढ़ कर के सल्ले अला
झूम कर कह रही है ये बागे सबा
ऐसी खुशबु चमन के गुलों में नहीं
जो नबी के पसीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
छोड़ना तेरा तयबह गवारा नहीं
सारे आलम में ऐसा नज़ारा नहीं
ऐसा मंज़र ज़माने में देखा नहीं
जैसा मंज़र मदीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
हमने माना के जन्नत बहोत है हसीं
छोड़ कर हम मदीना न जाएँ कहीं
यूँ जो जन्नत में सब है मदीना नहीं
और जन्नत मदीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
बेसहारों को सीने में लिपटा लिया
जिसने जो माँगा उसको अता कर दिया
वो फकीरों के अफसर शहे अम्बिया
वो शहंशाह मदीने में मौजूद है
हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है
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Naat Sarkar Ki Parta Hoon Mein Lyrics In Hindi
नात सरकार की पढ़ता हूँ मैं
बस इसी बात से घर में मेरे रह़मत होगी
इक तेरा नाम वसीला है मेरा
रंज-ओ-ग़म में भी इसी नाम से राहत होगी
ये सुना है कि बहुत गोर अँधेरी होगी
क़ब्र का ख़ौफ़ न रखना, ए दिल !
वहाँ सरकार के चेहरे की ज़ियारत होगी
कभी यासीं, कभी ता़हा, कभी वलैल आया
जिस की क़समें मेरा रब खाता है
कितनी दिल-कश मेरे महबूब की सूरत होगी !
हश्र का दिन भी अजब देखने वाला होगा
ज़ुल्फ़ लहराते वो जब आएँगे
फिर क़यामत पे भी ख़ुद एक क़यामत होगी
उन को मुख़्तार बनाया है मेरे अल्लाह ने
ख़ुल्द में बस वो ही जा सकता है
जिस को हसनैन के नाना की इजाज़त होगी
दो-जहाँ में उसे फिर कौन पनाह में लेगा
होगा रुस्वा वो सर-ए-हश्र जिसे
सय्यिदा ज़हरा के बच्चों से अदावत होगी
उन की चौखट पे पड़े हैं तो बड़ी मौज में हैं
लौट के आएँगे जब उस दर से
मेरे दिल ! तू ही बता क्या तेरी हालत होगी !
रश्क से दूर खड़े देखते होंगे ज़ाहिद
जब सर-ए-हश्र गुनाहगारों पर
मेरे आक़ा का करम होगा, इनायत होगी
मेरा दामन तो गुनाहों से भरा है, अल्ताफ़ !
इक सहारा है कि मैं तेरा हूँ
इसी निस्बत से सर-ए-हश्र शफ़ाअ’त होगी
Last Word
“5 behtareen Naat Lyrics in Hindi” Yeh khaas kalamein us mazmoon ka ek chuninda hai jisme Nabi-e-Kareem (ﷺ) ki shaan-o-jamal, unki mohabbat aur adab ka izhar kiya gaya hai.
Yeh naatein roohaniyat, mohabbat aur taqreer ke jazbat ko dil mein jagati hain. “5 behtareen Naat Lyrics in Hindi” ek ehsaas aur mohabbat ka khoobsurat izhar hai, jise sunte hue musalmanon ko Nabi-e-Kareem (ﷺ) ki yaad dilate hain aur unki shaan-o-karam ko yaad karne ka mauka dete hain.
FAQs
Owais Raza Qadri, Hafiz Tahir Raza
नात सुनने के कई फायदे हैं, जैसे कि:
- दिल को सुकून मिलता है
- रूहानियत बढ़ती है
- गुनाहों से बचने का जरिया
- अच्छी अदब और अहलाक हिदायत मिलती है।